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कलयुग में प्रथम स्थापित

सिद्ध श्री शनिदेव मंदिर, हरिद्वार

 

Phone No : +91 9759002299

Email : shanipariwar@gmail.com

श्री शनिदेव जी का संक्षिप्त परिचय

भगवान शनिदेव जी – संक्षिप्त परिचय

श्री शनिदेव के पिताजी श्री – सूर्यदेव
माताश्री — छाया (सुवर्णा)
भाई — यमराज
बहन —- यमुना
गुरु — शिवजी
गौत्र — कश्यप
रूचि — अध्यात्म, कानून, कूटनीति, राजनीति
जन्मस्थान — सौराष्ट्र
रंग — नीलवर्ण (श्याम कृष्ण )
श्री शनि जी का स्वाभाव — गंभीर, त्यागी, तपस्वी, हठी, क्रोधी
श्री शनि जी के उपनाम — कौनस्थ, पिंगल, बभरु, सौरी, शनेश्वर, कृष्णधमंद, रौद्र, अंतक, यम

प्रिय मित्र — हनुमान जी, काल भैरव, बुध, राहु

प्रिय राशि — कुम्भ, मकर।

अधिपति — रात

श्री शनि जी का कार्यक्षेत्र — पृथ्वी का न्यायदाता

राशि के नक्षत्र — अनुराधा, पुष्य, उतरा भाद्रपद।

रत्न — नीलम

प्रिय वस्तुए — काली वस्तुए, काला कपड़ा, तेल, गुड़, उड़द, खट्टा, कसैला पदार्थ।

प्रिय धातु — लोहा, इस्पात।

शनि जी का व्यापार — लौह, इस्पात, सीमेंट, कोयला, कल कारखाने, पेट्रोलियम, ट्रांसपोर्ट, मेडिकल, प्रेस, हार्डवेयर।

श्री शनि सम्बंधित रोग — वातरोग, कैंसर, शुगर, किडनी, कुष्ठ, असाध्य रोग, पागलपन, ब्लड कैंसर, त्वचा रोग।

निदान — शनिवार के दिन संध्या या रात के समय किसी गरीब, दुखी अहसाय बूढ़े व्यक्ति को श्री शनिदेव जी की प्रिय वस्तु दान करें।

प्रभाव — साढ़े सात वर्ष

महादशा — 19 वर्ष

दर्शनस्थल — श्री शनि शिंगनापुर, सिद्ध पीठ हरिद्वार, कोकिला वन, ग्वालियर।