Skip to content Skip to sidebar Skip to footer

कलयुग में प्रथम स्थापित

सिद्ध श्री शनिदेव मंदिर, हरिद्वार

 

Phone No : +91 9759002299

Email : shanipariwar@gmail.com

मंदिर व श्री शनिदेव जी

हरिद्वार का शनि देव मंदिर अत्यंत प्राचीन और पवित्र धार्मिक स्थल है, जो हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह मंदिर शनि देव की आराधना के लिए समर्पित है, जो हिन्दू धर्म में न्याय के देवता के रूप में पूजित हैं। हरिद्वार, जो स्वयं गंगा नदी के किनारे स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, में शनि देव का यह मंदिर विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्त्वपूर्ण है जो जीवन में शनिदेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं।

मंदिर का महत्त्व:

हरिद्वार का शनि देव मंदिर अपने भक्तों के बीच शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। इस मंदिर में भक्तगण शनिदेव से अपने जीवन में आने वाली बाधाओं, कष्टों, और कुप्रभावों को दूर करने के लिए प्रार्थना करते हैं। विशेष रूप से जो लोग शनि की साढ़े साती, ढैया, या शनि दोष से प्रभावित होते हैं, वे यहाँ आकर शनि देव की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि शनि देव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाले कष्ट, रोग, और धन संबंधी परेशानियाँ कम हो जाती हैं।

शनि देव की प्रतिमा:

मंदिर में स्थापित शनि देव की प्रतिमा बहुत ही अद्भुत और जाग्रत मानी जाती है। यह प्रतिमा काले पत्थर से बनी हुई है, जो शनिदेव के स्वभाव और उनके काले रंग को दर्शाती है। शनिदेव का यह रूप उनके कठोर न्यायप्रिय स्वभाव का प्रतीक है। उनके एक हाथ में गदा और दूसरे में वरद मुद्रा है, जो यह बताता है कि शनि देव न्याय करते समय कठिनाई देने वाले हैं, लेकिन सच्चे भक्तों पर अपनी कृपा भी बरसाते हैं। प्रतिमा के सामने नवग्रहों की प्रतिमाएँ भी स्थापित की गई हैं, जिनकी पूजा भी विशेष रूप से की जाती है।

विशेष पूजा-अर्चना:

हरिद्वार के शनि देव मंदिर में शनिवार के दिन विशेष पूजा का आयोजन होता है। इस दिन भक्तगण बड़ी संख्या में मंदिर में आते हैं और शनिदेव की विशेष आराधना करते हैं। तेल, काले तिल, और काले वस्त्रों का दान शनि देव की कृपा प्राप्त करने का मुख्य तरीका माना जाता है। भक्तगण यहाँ आकर शनि देव को तेल चढ़ाते हैं और उनकी प्रतिमा पर काले तिल चढ़ाकर प्रार्थना करते हैं। यह परंपरा पुराणों से चली आ रही है और माना जाता है कि इससे शनि के कुप्रभाव को कम किया जा सकता है।

मंदिर का वातावरण:

शनि देव मंदिर का वातावरण आध्यात्मिक और शांति से भरा हुआ है। मंदिर के भीतर भक्तों के लिए ध्यान और पूजा करने के लिए विशेष स्थान हैं। गंगा नदी के पास स्थित होने के कारण यहाँ का वातावरण अत्यधिक पवित्र और ऊर्जा से भरा हुआ है। यहाँ का हवन-कुण्ड भी बहुत महत्त्वपूर्ण है, जहाँ विशेष हवन और यज्ञ करके शनि देव की कृपा प्राप्त करने की कोशिश की जाती है।

शनि देव और अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ:

मंदिर में शनि देव के अलावा, भगवान हनुमान, भगवान शिव, सूर्य देव, और नवग्रहों की प्रतिमाएँ भी स्थापित हैं। हनुमान जी का शनि देव के साथ विशेष संबंध होने के कारण उनकी पूजा शनिदेव के साथ-साथ की जाती है। हनुमान जी की पूजा से शनि दोष के प्रभाव को कम करने की मान्यता है, और इसलिए यहाँ के भक्त शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ भी करते हैं।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष अनुष्ठान:

मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से शनिदेव से संबंधित अनुष्ठान जैसे शनि शांति हवन, शनि दोष निवारण पूजा, और तेल अभिषेक किए जाते हैं। भक्त अपनी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए इन अनुष्ठानों में भाग लेते हैं और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

निष्कर्ष:

हरिद्वार का शनि देव मंदिर उन लोगों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो शनि देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। यह मंदिर न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके आध्यात्मिक वातावरण और जाग्रत शक्ति के कारण भी श्रद्धालुओं का मन मोह लेता है। यहाँ आने वाले भक्तों का विश्वास है कि शनि देव की पूजा करने से उनके जीवन के कष्ट दूर होते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।