संस्था : संक्षिप्त परिचय
कलयुग के अधिष्ठाता और न्याय के देवता भगवान श्री शनिदेव जी के कलयुग में प्रथम स्थापित सिद्ध श्री शनिदेव मंदिर के परिवार में आपका अभिनन्दन है।
यह मंदिर अनगिनत श्रद्वालुओं की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। गृहस्थ परिवारों द्वारा भगवान श्री शनिदेव जी की प्रेरणा से स्थापित यह मंदिर हरिद्वार से 7.5 किमी दिल्ली रोड पर, रानीपुर झाल के निकट स्थित हैं।
मंदिर के निकट ही 700 मीटर की दूरी पर श्री शनिदेव गौशाला भी स्थित है, जहां बूढ़ी व देशी गाय माताओं की सेवा की जाती है। इस मंदिर की स्थापना से पूर्व मात्र श्री शनि शिंगणापुर में ही भगवान शनिदेव जी की पूजा होती थी तथा लोग शनि के बारे में भ्रांतियां सुन सुन कर शनि पूजा नही करते थे।
शनि पूजा की भ्रांतियों को दूर करने का काम इसी मंदिर की स्थापना के बाद शुरू हुआ तथा इसी मंदिर की स्थापना के पश्चात् उत्तर भारत के लगभग सभी शहरों में श्री शनिदेव मंदिर की स्थापनाएं हुई और शनि पूजा में आमजन ने भागीदारी प्रारंभ की।
12 राशियों वाले मंदिर के रूप में अनेकों मीडिया संस्थानों ने यहां का गुणगान अपने कार्यक्रमों में कई बार किया है। इसी मन्दिर का प्रारूप आज उत्तर भारत के लगभग सभी शहरों में किया गया है व किया जा रहा है।
आजतक, ईटीवी, एबीपी न्यूज, और अनेकों लोकल और राष्ट्रीय चैनलों ने कई बार यहां के कार्यक्रमों को प्रसारित किया है, जबकि राष्ट्रीय समाचार पत्र ट्रिब्यून ने तो विशेष सम्पादकीय लिख कर यहां की महिमा का वर्णन किया।
विख्यात क्रिकेटर श्री अजय जडेजा का नाम मैच फिक्सिंग में आया और उन्होंने कहा कि उनका नाम गलत शामिल किया गया है और सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका 2 बार खारिज हो चुकी थी। तब वह यहां आए और यहां माथा टेक कर सुप्रीम कोर्ट गए तथा उनकी याचिका भी स्वीकार हुई और वह केस से बरी भी हुए।
इससे अलग अनेकों न्यायाधीश, राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और उद्योगपति यहां निरंतर आते हैं। मंदिर द्वारा गौशाला का संचालन भी 2012 से निरंतर किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग में अधिग्रहण हो जाने के कारण मंदिर का भी नवनिर्माण होना है।
जिसका मानचित्र आदि तैयार है तथा प्रभु के आदेश के अनुसार 19 फरवरी 2024 को भूमि पूजन किया गया तथा निर्माण का प्रारंभ हो गया है। इसके अतिरिक्त भी संस्था निरन्तर रक्तदान शिविर, खेल प्रतियोगिता, हिंदू पर्वों को उल्लास से मनाना, भंडारों का आयोजन, और मेडिकल कैंप आयोजित करती रहती है।
सम्मानित जन, अभी तक हमारे द्वारा किसी से सहयोग के लिए सीधे संपर्क नहीं किया गया था, जो किसी के द्वारा खुद दिया गया उसी से जनसेवा और धर्म सेवा की जाती रही है। परंतु अब कार्य विस्तार हेतु आपके सहयोग की आवश्यकता है, जिसमें मंदिर पुनर्निर्माण, गौशाला विस्तार, भविष्य में धर्मशाला निर्माण हेतु भूमि क्रय कर निर्माण व जनहित के लिए आयोजन करना शामिल है।
अतः धर्म और जनसेवा कार्यों हेतु साथ जुड़कर कार्य करने हेतु शनि परिवार के सदस्य बने।
1. लोगों की सहायता:
यह संस्था शनि देव की पूजा के माध्यम से लोगों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करती है, जिससे भक्तों को कठिनाइयों और जीवन के संकटों से उबरने में मदद मिलती है।
2. धार्मिक अनुष्ठान और पूजा का आयोजन:
शनि दोष, राहु-केतु दोष, और अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए विशेष पूजा, हवन, और यज्ञ का आयोजन किया जाता है, जिससे भक्तों को ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
3. गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता:
संस्था द्वारा गरीबों के लिए भोजन वितरण, वस्त्र वितरण, और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे समाज के कमजोर वर्गों को मदद मिलती है।
4. धार्मिक शिक्षा और जागरूकता:
संस्था धार्मिक शिक्षाओं का प्रसार करती है और शनि देव के आदर्शों के बारे में लोगों को जागरूक करती है, जिससे समाज में धार्मिक और नैतिक मूल्यों की वृद्धि होती है।
5. स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन:
संस्था समय-समय पर नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करती है, जिससे गरीब और वंचित लोग चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, संस्था प्रत्येक वर्ष शनि जयंती, वार्षिक उत्सव और कावड़ मेला जैसे विशेष आयोजनों का भी संचालन करती है, जो स्थानीय समुदाय के लिए एकत्रित होने और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर प्रदान करते हैं। इन आयोजनों के दौरान, संस्था रक्तदान शिविर भी आयोजित करती है, जिससे लोग रक्तदान कर समाज सेवा में अपना योगदान दे सकते हैं। इस प्रकार, संस्था सामाजिक कल्याण के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे समुदाय में स्वास्थ्य और एकता का संचार हो सके।
6. माता-पिता की सेवा और सम्मान:
यह संस्था माता-पिता की सेवा और उनका सम्मान करने के महत्व को भी बढ़ावा देती है। भक्तों को यह सिखाया जाता है कि माता-पिता की सेवा करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
7. शिक्षा और समाज कल्याण:
संस्था शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है, जैसे गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करना और उन्हें आवश्यक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराना।
8. सामूहिक सामुदायिक सेवाएं:
विशेष अवसरों पर सामूहिक भंडारे, सत्संग, और धार्मिक सभाओं का आयोजन किया जाता है, जहाँ भक्त मिलकर सेवा और परोपकार के कार्यों में भाग लेते हैं।
9. शनि अमावस्या और विशेष पर्वों पर आयोजन:
शनि अमावस्या और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक तिथियों पर विशेष आयोजन किए जाते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में भक्त भाग लेकर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।
10. धार्मिक यात्रा और तीर्थयात्रा का आयोजन:
संस्था तीर्थयात्राओं का आयोजन करती है, जहाँ भक्त धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकते हैं और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।